Wednesday, March 10, 2021

आँखों से रिसते पानी की बात बतानी मुश्किल है

आँखों से रिसते पानी की बात बतानी मुश्किल है 
पार समुंदर जाने वाले प्रीत निभानी मुश्किल है 

रातों रात निकाली तुम ने दूर निकलने की सूरत 
फिर कहते हो तुम से तो उम्मीद लगानी मुश्किल है 

सब सपनों को आग लगा कर कहते हो आबाद रहो 
जान-ए-जानाँ अब क़िस्मत में रंग-फ़िशानी मुश्किल है 

थोड़ा रुक कर तलब करो तुम सब हालात सुनाऊँगी 
रोते रोते टूटे दिल की हाल-बयानी मुश्किल है 


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