Tuesday, March 2, 2021

सब कुछ खो सा जाता है

जब फ़ुरसत से बैठकर वो बातें याद करते हैं
यूँ मायूस सा होकर मेरा दिल रो सा जाता है
सब कुछ खो सा जाता है

बात करते-करते कह जाना सब कुछ
फिर मैंने क्या कहा
ये कुछ चुभ सा जाता है
सब कुछ खो सा जाता है

वो हंसी वादे सब झूठे से लगते हैं
याद करते-करते सब कुछ मिट सा जाता है

जा मुकर जा तू भी बातों से अपनी
पहाड़ों को देख हवाओं का रुख मुड़ सा जाता है

जब फ़ुरसत से बैठकर वो बातें याद करते हैं
यूँ मायूस सा होकर मेरा दिल रो सा जाता है
सब कुछ खो सा जाता है

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