Tuesday, June 9, 2020

आंखें ढूंढती रहती दिलों की आती आहट को,

उन नफरतों की गलियों में, कई अरमान उठे थे,
सिसकती लबों पर उसके मोहब्बत दम तोड़ती है।
इंसान सोचता है दर पर दस्तक कैसे दूं उसके?
मोहब्बत करने वालों पर कई सवाल उठते हैं।

जमाना कहता है तू खामोश हो जाना,
दिलों के एहसासों को दबाकर तू रख लेना।
खामोशी में मोहब्बत के कई मुकाम होते हैं ,
बरसों की कहानी को मिटाने तुम चलते हो ।

आंखें ढूंढती रहती दिलों की आती आहट को,
मोहब्बत की बाहों में उड़ने की चाहत को।
जमाने की कई पाबंदियों के अफसाने मिलते हैं ,
बंदिशों में ही अक्सर मुकम्मल प्यार पलते हैं।

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