Saturday, June 27, 2020

घटा शायरी

क्या ख़बर कब बरस के टूट पड़े
हर तरफ़ ऐसी है घटा छाई
- इंद्र सराज़ी


लिपट जाते हैं वो बिजली के डर से
इलाही ये घटा दो दिन तो बरसे
- दाग़ देहलवी


मेरी दुनिया में समुंदर का कहीं नाम नहीं
फिर घटा फेंकती है मुझ पे ये पत्थर कैसे
- अशहर हाशमी


क्यूं न टूटे मिरी तौबा जो कहे तू साक़ी
पी ले पी ले अरे घनघोर घटा छाई है
- रियाज़ ख़ैराबादी


क्या मुसीबत है कि जिस दिन से छुटी मय-नोशी
दिल जलाने के लिए रोज़ घटा आती है
- जलील मानिकपूरी


कब से टहल रहे हैं गरेबान खोल कर
ख़ाली घटा को क्या करें बरसात भी तो हो
- आदिल मंसूरी

उसी के शेर सभी और उसी के अफ़्साने
उसी की प्यास का बादल घटा में आया है
- विशाल खुल्लर


किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी
- आरज़ू लखनवी

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
- निदा फ़ाज़ली


जो घटा छा के न बरसे वो घटा क्या है घटा
हाँ अगर टूट के बरसे तो घटा कहते हैं
- कौसर सीवानी

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