Monday, July 29, 2019

गलतफहमी, बारिश, भींगना, धुल

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में
ज्यादा भीगना मत,
अगर धुल गई सारी गलतफ़हमियाँ
तो बहुत याद आएंगे हम!

Saturday, July 27, 2019

तहजीब, फलसफा

इश्क़ में तहज़ीब के हैं और ही कुछ फलसफ़े,
तुम से हो कर खफ़ा, हम ख़ुद से खफ़ा रहने लगे!

Saturday, July 20, 2019

दिल को रहनुमा करके, सुकून

लोग सुनते रहे दिमाग़ की बात
हम चले दिल को रहनुमा कर के

किस ने पाया सुकून दुनिया में
ज़िंदगानी का सामना कर के!

Friday, July 19, 2019

अक्स

मेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है
मेरा अक्स है सर-ए-आईना, पस-ए-आइना कोई और है

मेरी धड़कनों में है चाप सी, ये जुदाई भी है मिलाप सी
मुझे क्या पता, मेरे दिल बता, मेरे साथ क्या कोई और है



किसकी आहट है, किसका दिख रहा अक्स है,
जिसको चाहा है दिल से, क्या ये वही शख्स है...

किसी का अक्स-ए-बदन था न वो शरारा था।
तो मैं ने ख़ेमा-ए-शब से किसे पुकारा था।
कहाँ किसी को थी फ़ुर्सत फ़ुज़ूल बातों की,,,
तमाम रात वहाँ ज़िक्र बस तुम्हारा था।

बसा लेने दे अक्स तेरा अपनी आंखों में मुझे
फिर तुझे कोई यूं देखने वाला मिले ना मिले!

कीजिए न कोई ऐसा काम आके इस जमाने में
के धिक्कार दे अक्स ही आके आपके आइने में!

wo chaand hai to aks bhi paani mein aayega
kirdaar khud ubhar ke kahaani mein आएगा!

Tuesday, July 16, 2019

मोहब्बत, रंग, मुश्किल, दिल से दिल

मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है,
मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है!

Monday, July 15, 2019

फ़ुरसत, हाल, सीने में

फुर्सत मिले तो उन का हाल भी पूछ लिया करो,
जिन के सीने में दिल की जगह धड़कते तुम हों!

सुलग रहा है

सुलग रहा है दिल धीरे धीरे,
क्यों तेज़ हवा चला रहे हो!
सोचो ज़रा दिल की लगी को,
बुझा रहे हो के जला रहे हो!

मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया

हम ने सीने में बसाया, दिल न अपना बन सका!
मुस्कुरा कर तुम ने देखा, दिल तुम्हारा हो गया!

हमराह

मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँ
मिरे हमराह दरिया जा रहा है

गुमान, उड़ान, यकीन, आसमान

उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है!

Saturday, July 13, 2019

एक मुद्दत se

एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं!

~फ़िराक़ गोरखपुरी

पुष्प की अभिलाषा

चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ

चाह नहीं प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ

चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर, हे हरि, डाला जाऊँ

मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक

मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जाएँ वीर अनेक।

【म‌ाखनलाल चतुर्वेदी】

बशीर बद्र


इस ख़ुशी में मुझे ख़याल आया
ग़म के दिन कितने ख़ूबसूरत थे

ऐसे मिलो कि अपना समझता रहे सदा
जिस शख़्स से तुम्हारा दिली इख़्तिलाफ़ है

सच सियासत से अदालत तक बहुत मसरूफ़ है
झूट बोलो, झूट में अब भी मोहब्बत है बहुत

किताबें, रिसाले न अख़़बार पढना
मगर दिल को हर रात इक बार पढ़ना

मुख़ालिफ़त से मेरी शख़्सियत संवरती है
मैं दुश्मनों का बड़ा एहतेराम करता हूं

लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुशबू अज़ान दे
जी चाहता है मैं तेरी आवाज़ चूम लूं

इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझको मेरा महबूब समझते होंगे

गुलाबों की तरह शबनम में अपना दिल भिगोते हैं
मुहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं

चमकती है कहीं सदियों में आंसुओं से ज़मीं
ग़ज़ल के शेर कहां रोज़-रोज़ होते हैं

अबके आंसू आंखों से दिल में उतरे
रुख़ बदला दरिया ने कैसा बहने का

ज़हीन सांप सदा आस्तीन में रहते हैं
ज़बां से कहते हैं दिल से मुआफ़ करते नहीं

सात सन्दूकों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इन्सां को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत

मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिन्दा न हों

हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा

जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा

Teasers

आग के पास कभी, मोम को लाकर देखूं,
हो इजाजत तो तुम्हें, हाथ लगा कर देखूँ।
दिल का मंदिर, बड़ा वीरान नज़र आता है,
सोचता हूँ इसमें तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ।।
-राहत इंदौरी

*

राज जो कुछ हो, इशारों में बता भी देना,
हाथ जब मुझसे मिलाना दबा भी देना।

*

कभी दिमाग, कभी दिल, कभी नज़र में रहो,
ये सब तुम्हारे ही घर हैं, किसी भी घर में रहो।

-राहत इंडोरी

*

मिल रही हो तुम,
न खो रही हो तुम,
दिन ब दिन बेहद,
दिलचस्प हो रही हो तुम!

*

पहली नज़र भी आप की उफ़ किस बला की थी
हम आज तक वो चोट हैं दिल पर लिए हुए

*

यूं अदाएं न बिखेरिए मौसम-ए-बहार में,

सूखे दरख़्त भी खिल उठेंगे हुस्न-ए-बयार में!

*

मौसम-ए-इश्क़ है ये जरा,
खुश्क हो जाएगा!
ना उलझा करो हम से,
वरना इश्क़ हो जाएगा!

*


तेरे इश्क़ से ही मिली है मेरे वजूद को ये शोहरत,
मेरा ज़िक्र ही कहाँ था तेरी दास्ताँ से पहले ..!!

*
बस एक झिझक है हाल-ए-दिल सुनाने में,
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में !!

*
जागती रातो को,
सपनो का बहाना मिल जाए!
तुम जो मिल जाओ तो,
जीने का बहाना मिल जाए!

*
अच्छा खासा बैठे बैठे, गुम हो जाता हूँ,
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता, तुम हो जाता हूँ!

*
मेरे हिस्से में बस इतना गुमान रहने दे,
कि मैं हूँ तेरा मुझे अपनी जान रहने दे!

*
कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर,
तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ।

*
ज़िंदगी गमों का पुलिंदा है,
ख़ुशियाँ आज कल चुनिंदा है,
कभी याद कर लिया करो इस नाचीज़ को,
ये शख्स अभी तक ज़िंदा है!

*
लोग कहते हैं कि प्यार में नींद उड़ जाती है,
कोई हमसे इश्क़ करता, कम्बख्त नींद बहुत आती है!

*
तेरे पंखुड़िओ जैसे होठों की नमी को चुरा लूँ,
तेरी ज़ुल्फों की साए में खुद को छुपा लूँ!
तेरे बदन की खुशबू में बस अब नहा लूँ,
गर फिर भी चैन ना आये, तो ये सब दुहरा लूँ!!

*
कोई मरहम नहीं चाहिए,
ज़ख्म मिटाने के लिए।
तेरी एक झलक ही काफ़ी है,
मेरे ठीक हो जाने के लिए!

*
देख कर मेरी/मेरी आँखें,
एक फकीर कहने लगा.
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
ख्वाबों का वज़न कम कीजिये!

*
खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा,
निगाहे शेर पढ़ती हैं जो लब इरशाद करते है।
मिलती जुलती मेरी ग़ज़लों से है सूरत  तेरी,
लोग तुझको मेरा महबूब समझते होंगे!

*
मिलो कभी चाय पर, फिर किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे!

*
खुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशें हो तो भीग जाया कर।

*
काम ले कुछ हसीन होंठो से,
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर।।

*
वो बचपन के दिन थे,
ये जवानी की बयार।
पहले भी रुख पे तेरे तिल था,
मगर कातिल न था!

*
जब जब तेरा दीद हुआ है,
अपना तो ईद हुआ है।
जब जब तेरा दीदार हुआ है,
अपना तो त्योहार हुआ है।।

*
छेड़ आती हैं कभी लब तो कभी रूखसारों को,
तुमने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पर चढा रखा है ।
काश तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता।

*  
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का, हक़ बस हमारा होता।।
कभी साथ बैठो, तो कहूँ कि दर्द क्या है?
अब यूँ दूर से पूछोगे, तो ख़ैरियत ही कहेंगे!

*
मेरे दिल पे हाथ रखो,
जरा सा जुनून दो।
उदास हूँ बहुत दिनों से,
मेरे दिल को सुकून दो!

*

सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आया

कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी

*

Thursday, July 11, 2019

हमसाया, याद तेरी

याद तेरी आयी है,ये दिल उदास है मेरा
तू हमसाया थी,कितना सहारा था तेरा!

बात न मुलाक़ात थी,मगर एक गुमाँ था
कि मेरी चाहत के ,हदफ़ पे है दिल तेरा!

हदफ़--लक्ष्य    #हम_साया--पड़ोसी

हमसाया

हज़ारों मंज़िलें पायीं,
गुज़रे लाखों सफर।
करोड़ों की भीड़ से घिरा हूँ मैं
मैं ही मेरा हम-साया मगर।

हमसाया

Ek shajar aisa mohabbat ka lagaaya jaaye
Jis ka ham-saaye ke aangan mein bhi saaya jaaye

Ham-Saya-- neighbour

मरने की दुआ, जीने की कसम

लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं
मैं ने उस हाल में जीने की क़सम खाई है!

कि खेल खत्म हुआ

सभी को ग़म है समुंदर के ख़ुश्क होने का
कि खेल ख़त्म हुआ कश्तियाँ डुबोने का!

तेरी याद

सुबह ना आई
शाम ना आई
जिस दिन तेरी
याद ना आई!

प्यार को खोजना

ख़ुशी जिस ने खोजी वो धन ले के लौटा
हँसी जिस ने खोजी चमन ले के लौटा
मगर प्यार को खोजने जो गया वो
न तन ले के लौटा न मन ले के लौटा!

【गोपालदास 'नीरज'】

अखियन अखियन

अखियन अखियन रात कटेगी
गलियन गलियन बात चलेगी

दर्पण दर्पण ख़ाक डलेगी
धड़कन धड़कन रोज़ छलेगी

अचकन अचकन रंग बंटेगे
आँगन आँगन शाम ढलेगी

बचपन बचपन खेलेंगे हम
दामन दामन आँख बहेगी

उलझन उलझन सुलझा लेंगे
इस मन उस मन जब उलझेगी

सावन सावन रोएंगे हम
चंदन चंदन शब महकेगी!

एक रोज़, सौगात, तन्हाई, बरसात

इक रोज़, कभी ऐसी सौगात भी हो,
तुम हो.. तन्हाई हो.. बरसात भी हो!

Happy Monsoon 💕

Monday, July 8, 2019

नज़र, हुनर

औरों की बुराई को न देखूँ वो नज़र दे
हाँ अपनी बुराई को परखने का हुनर दे!

आशिक, रहनुमा, तेरा पता

आशिक़ को तेरे लाख कोई रहनुमा मिले
तेरा पता मिला है न तेरा पता मिले!

फ़ुरसत, तन्हाई, तेरा पता


जब भी फ़ुर्सत मिली हंगामा-ए-दुनिया से मुझे
मेरी तन्हाई को बस तेरा पता याद आया!

न हार न अपनी जीत

चराग़ों को उछाला जा रहा है, हवा पर रौब डाला जा रहा है
न हार अपनी न अपनी जीत होगी,  मगर सिक्का उछाला जा रहा है
-राहत इंदौरी

चुम्बन, प्रेयसी, स्त्री धन


मदिराधर चुंबन, प्रसन्न मन,
मेरा यही भजन औ पूजन!
प्रकृति वधू से पूछा मैंने
प्रेयसि, तुझको दूँ क्या स्त्री-धन?
बोली, प्रिय, तेरा प्रसन्न मन
मेरा यौतुक, मेरा स्त्री धन!

~मैथिलीशरण गुप्त

तुझ तक आते हुए

सदाएँ देते हुए और ख़ाक उड़ाते हुए
मैं अपने आप से गुज़रा हूँ तुझ तक आते हुए!

उसूल, टकराना, जिंदा नज़र आना

उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है,
जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है!

मशीन

मशीन बन तो चुका हूँ मगर नहीं भूला
कि मेरे जिस्म में दिल भी कभी धड़कता था!

Friday, July 5, 2019

ऐ जिन्दगी

शाम से पहले तिरी शाम न होने दूँगा
ज़िंदगी मैं तुझे नाकाम न होने दूँगा!

Thursday, July 4, 2019

तहजीब

अदब तहजीब और मुस्कान हमेशा साथ रखता हूँ,
नवाब हूँ लेकिन सबको "आप" कहता हूँ!

वो जिन्दगी ही क्या

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली
कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली
सफ़र जो धूप का किया तो तजुरबा हुआ
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली!

Wednesday, July 3, 2019

कुछ तो खास है

कुछ तो खास है, जो तुझे मुझसे जोड़े रखता है,
वरना इतना माफ़ तो मैंने खुद को भी नहीं किया है!

ज़माना बीत गया

सफेद... होते बालों को  देख के पता चला,
तुमसे इश्क करते -करते ज़माना बीत गया!

Tuesday, July 2, 2019

किन लफ़्ज़ों में

किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे!

मुझ से आगे

“भीड़ से छूटा हुआ रोज यही सोचता हूँ ,
क्यूँ मेरी बात निकल जाती है मुझ से आगे ?
एक अरसे से मैं और रात साथ चलते हैं ,
सुब्ह तक रात निकल जाती है मुझ से आगे..!”

~कुमार विश्वास

ख्वाबों की दुनिया, जगाया क्यों नहीं

अभी खोए हुए है दोस्त ख्वाबों की दुनिया में,
उठते ही कहेंगे सुनो तुमने जगाया क्यों नहीं!