आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
तेरे दामन से आती है सुकून, खुशी की खुशबू,
मेरी तमाम तकलीफों का इकलौता इलाज हो तुम।
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