Thursday, October 10, 2024

पुर-ख़ार राह में कोई साया नहीं मिला

पुर-ख़ार राह में कोई साया नहीं मिला
ताउम्र ज़िन्दगी में सहारा नहीं मिला

दरिया मिला कहीं न कहीं आबशार ही
मंजर कहीं सफ़र में सुहाना नहीं मिला

हमको तलाश थी कि कोई मरहला मिले
लेकिन जहां में कोई ठिकाना नहीं मिला

दावा तो ज़ोर शोर से उसने किया मगर
पैकर मुझे जनाब वो सच्चा नहीं मिला

हसरत से ताकता था थीं नज़रें टिकी हुईं
मासूम को मगर वो खिलौना नहीं मिला

जन्नत कहा जिसे वो है नायाब वाक़ि'ई
ढूंढा बहुत मगर मुझे रस्ता नहीं मिला

दावे किए गए हैं सियासत में बारहा
ईमान पर मगर कोई चलता नहीं मिला

उम्मीद बरकरार है छोड़ी नहीं अभी
साबित करूं वजूद वो मौका नहीं मिला

मुद्दत से है तलाश कोई हमसफ़र मिले
त्यागी मगर जहान में अपना नहीं मिला

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