Tuesday, October 8, 2024

करीब से देख , मेरी दास्तां भी अजीब है बहुत

करीब से देख , मेरी दास्तां भी अजीब है बहुत।
दर्द जो करीब था मेरे,आज भी करीब है बहुत।।

वक्त बदला तो , ना जाने क्या-क्या बदल गया।
जो बा-नसीब थे कल,आज बदनसीब है बहुत।।

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