Thursday, September 7, 2023

खुद से जो हारे हुए हैं

एक है ईश्वर एक है दुनिया ।

भेद क्यों फिर सारे हुए हैं ।।

जीत वो कैसे सकते हैं।
खुद से जो हारे हुए हैं ।।

आसमां उनसे भरा है।
मर के जो तारे हुए हैं ।।

बेबसी मेरी पूंछ न मुझसे।
‘कितना दिल मारे हुए हैं।।

हक़ पर चलने वाले दोस्त  ।
कब किसे प्यारे हुए हैं ।।

No comments: