Wednesday, September 6, 2023

मित्र वही है



     तप्त हृदय को , सरस स्नेह से,

     जो सहला दे , *मित्र वही है।*


     रूखे मन को , सराबोर कर,  

     जो नहला दे , *मित्र वही है।*


     प्रिय वियोग  ,संतप्त चित्त को ,

     जो बहला दे , *मित्र वही है।*


     अश्रु बूँद की , एक झलक से ,

     जो दहला दे , *मित्र वही है।*

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