दिल से शायद तुमने कभी हमें अपना माना नहीं,
और सितम ये है कि हमने कभी तेरा मिजाज़ जाना नहीं.
मिल कर बिछड़ने का अंदाज़ है वही तेरा पुराना,
और हमें भी दिल तुमसे लगा कर दूर जाना नहीं. 😘
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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