Friday, April 30, 2021

आँसू शायरी

वैसे तो इक आंसू ही बहा कर मुझे ले जाए
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता
- वसीम बरेलवी

एक आंसू ने डुबोया मुझ को उन की बज़्म में
बूंद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़ 

थमते थमते थमेंगे आंसू
रोना है कुछ हंसी नहीं है
- बुध सिंह कलंदर

रोज़ अच्छे नहीं लगते आंसू
ख़ास मौक़ों पे मज़ा देते हैं
- मोहम्मद अल्वी 

शबनम के आंसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआ
आंखें मिरी भीगी हुई चेहरा तिरा उतरा हुआ
- बशीर बद्र


दिल में इक दर्द उठा आंखों में आंसू भर आए
बैठे बैठे हमें क्या जानिए क्या याद आया
- वज़ीर अली सबा लखनवी 

क्या कहूं किस तरह से जीता हूं
ग़म को खाता हूं आंसू पीता हूं
- मीर असर 

ये आंसू बे-सबब जारी नहीं है
मुझे रोने की बीमारी नहीं है
- कलीम आजिज़ 

मोहब्बत में इक ऐसा वक़्त भी दिल पर गुज़रता है
कि आंसू ख़ुश्क हो जाते हैं तुग़्यानी नहीं जाती
- जिगर मुरादाबादी

मेरी आंखों में हैं आंसू तेरे दामन में बहार
गुल बना सकता है तू शबनम बना सकता हूं मैं
- नुशूर वाहिदी 

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