Wednesday, April 28, 2021

दुआ शायरी

कोई दुआ कभी तो हमारी क़ुबूल कर
वर्ना कहेंगे लोग दुआ से असर गया
- शीन काफ़ निज़ाम

ये बस्तियां हैं कि मक़्तल दुआ किए जाएं
दुआ के दिन हैं मुसलसल दुआ किए जाएं
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

मंज़र को किसी तरह बदलने की दुआ दे
दे रात की ठंडक को पिघलने की दुआ दे
- शीन काफ़ निज़ाम

मुझे ज़िंदगी की दुआ देने वाले
हंसी आ रही है तिरी सादगी पर
- गोपाल मित्तल 

हर-दम यही दुआ है ख़ुदा की जनाब में
आ जाए यार ख़ुद मिरे ख़त के जवाब में
- अज्ञात 

यही दुआ है वो मेरी दुआ नहीं सुनता
ख़ुदा जो होता अगर क्या ख़ुदा नहीं सुनता
- सय्यदा अरशिया हक़ 

चंद पेड़ों को ही मजनूं की दुआ होती है
सब दरख़्तों पे तो पत्थर नहीं आया करता
- अहमद कामरान

कभी दुआ तो कभी बद-दुआ से लड़ते हुए
तमाम उम्र गुज़ारी हवा से लड़ते हुए
- ज़फ़र मुरादाबादी

हमारे हक़ में दुआ करेगा
वो इक न इक दिन वफ़ा करेगा
- नासिर राव

हर दुआ गर क़ुबूल हो जाए
ज़िंदगी ही फ़ुज़ूल हो जाए
- मुनीर अरमान नसीमी 

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