Wednesday, August 21, 2019

स्वदेश का प्यार

"जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।"

~ गयाप्रसाद शुक्ल 'स्नेही'

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