Sunday, September 23, 2018

सुकून

शहर बसाकर अब,
सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं!
बड़े अजीब हैं हम लोग,
हाथ में कुल्हाड़ी लिए छाँव ढूँढते हैं।

No comments: