हर सफर में हमसफ़र हो,जरूरी तो नहीं
आसान हो मंज़िल का डगर,जरूरी तो नहीं
अच्छी लगती है हर खूबसूरत चीज
लेकिन हर खूबसूरत चीज अच्छी हो,जरूरी तो नहीं ।
माना चेहरा उसका सुंदर नहीं
लेकिन दिल की भी बेकार हो जरूरी तो नहीं
ये खुदा बने जो फिरते है
कम से कम इंसान हो,जरूरी तो नहीं ।
दर बदर भटकते हो जिसकी खुशियों के लिए
वो कुछ पल भी खुशी दे तुझे,जरूरी तो नहीं
शिकवे, गिले,खफा,शिकायत हर चीज है जीवन में
लेकिन हर बात पर पीये जहर ही,जरूरी तो नहीं।
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