Friday, March 11, 2022

इक नई बात निकल आती है हर बात के साथ

नतीजा देखिए कुछ दिन में क्या से क्या निकल आया 
कहीं पे बीज बोया था कहीं पौधा निकल आया 
~ नवाज़ असीमी
नतीजा सुन के कई लोग बद-हवास हुए
ख़ुदा का शुक्र है हम इम्तिहाँ में पास हुए
~कैफ़ अहमद सिद्दीकी
अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला
जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा
~महशर बदायूंनी
गुफ़्तुगू देर से जारी है नतीजे के बग़ैर 
इक नई बात निकल आती है हर बात के साथ 
~ऐतबार साजिद
वफ़ा का लाज़मी था ये नतीजा
सज़ा अपने किए की पा रहा हूँ
~ हफ़ीज़ जालंधरी

No comments: