Thursday, March 10, 2022

सुनते हैं के मिल जाती है हर चीज़ दुआ से

​सुनते हैं के मिल जाती है हर चीज़ दुआ से

इक रोज़ तुम्हें माँग के देखेंगे ख़ुदा से 

दुनिया भी मिली है ग़म-ए-दुनिया भी मिला है 
वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे माँगा था ख़ुदा से 

ऐ दिल तू उन्हें देख के कुछ ऐसे तड़पना 
आ जाये हँसी उनको जो बैठे हैं ख़फ़ा से 

जब कुछ ना मिला हाथ दुआओं को उठा कर 
फिर हाथ उठाने ही पड़े हमको दुआ से 
आईने में वो अपनी अदा देख रहे हैं 
मर जाए कि जी जाए कोई उनकी बला से 

तुम सामने बैठे हो तो है कैफ़ की बारिश 
वो दिन भी थे जब आग बरसती थी घटा से 

राना अकबराबादी:

No comments: