Saturday, August 31, 2019

रतजगा, हसीन शख्स

सदियों का रतजगा मेरी रातों में आ गया....
मैं एक हसीन शख्स की बातों में आ गया।

Friday, August 30, 2019

इश्क, ताउम्र, मर्ज, दवा, मिला, जुदा, सनम, खुदा

तू मेरा इश्क़ भी रहा और ताउम्र रहा ग़ैर भी
मेरा मर्ज़ भी है तू दवा भी है तेरा क्या कहना

तू मिला भी है तू जुदा भी है तेरा क्या कहना
तू सनम भी है तू ख़ुदा भी है तेरा क्या कहना!

Thursday, August 29, 2019

कदम, आहट, जिंदगी, दूर से, पहचान

बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते है
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते है।

अल्फाज, काफिया, गजल, मुकम्मल, लाज़मी, कलम, ज़ज्बात, बंजर, जमीन, इश्क, हवा, नमी

अल्फ़ाज़ो की..काफ़ियाओ की.. कमी तो नही है,
हर ग़ज़ल मुक्कमल हो..लाज़मी तो नही है,
चलेगी क़लम तो निकलेंगे कुछ जज़्बात ज़रूर,
अभी बंजर दिल की जमीं तो नही है...

पता उसके अश्क़ो का हमें चलता भी तो कैसे,
मौजूद हवा मे कोई नमी तो नही है.....

अल्फाज, काफिया, गजल, मुकम्मल, लाज़मी, कलम, ज़ज्बात, बंजर, जमीन, इश्क, हवा, नमी

अल्फ़ाज़ो की..काफ़ियाओ की.. कमी तो नही है,
हर ग़ज़ल मुक्कमल हो..लाज़मी तो नही है,
चलेगी क़लम तो निकलेंगे कुछ जज़्बात ज़रूर,
अभी बंजर दिल की जमीं तो नही है...

पता उसके अश्क़ो का हमें चलता भी तो कैसे,
मौजूद हवा मे कोई नमी तो नही है.....

खूब, अदा, मोहब्बत, अलविदा

क्या खूब अच्छी है/थी उसकी ये अदा,
चार दिन इश्क मोहब्बत और फ़िर अलविदा!

Wednesday, August 28, 2019

खिलौना, बहलेगा, दिल, बच्चा, मचलेगा, रो देगा

"सोने चांदी के खिलौनों से नहीं बहलेगा
दिल वो बच्चा है जो मचलेगा तो रो देगा |"

मुद्दत, बगैर, खैर

मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बग़ैर,
अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो ख़ैर!

शाम, हुस्न, धुआँ, हुस्न, उदास, याद, कहानी

शाम भी थी धुआँ-धुआँ हुस्न भी था उदास-उदास,
याद सी आके रह गयीं दिल को कई कहानियाँ।

मौसम, इश्क, खुश्क, उलझा, वरना

मौसम-ए-इश्क है ये जरा,
खुशक हो जाएगा!
ना उलझा करो हम से,
वरना इश्क हो जाएगा!

कदम, सम्भल, चल

क़दम मिला के ज़माने के साथ चल न सके
बहुत सँभल के चले हम मगर सँभल न सके!

Tuesday, August 27, 2019

दिल माँग रहे हो, सम्भाला न जाएगा

दिल मांग तो रहे हो मगर डर रहा हूँ मैं,
ये तुम से मेरी जान संभाला न जाएगा!

अरसा, बेफिक्री, माँ, ओढ़ा

सोते हर रात हैं
पर एक अरसा गुज़र गया
वो बेफ़िक्री की चादर नहीं ओढ़ी
जो बचपन में माँ ओढ़ा दिया करतीं थीं।

Thursday, August 22, 2019

पूछो

मेरी तहजीब, अदब और मोहब्बत
मेरे दर आए मेहमान से पूछो..

बात कड़वी है या मीठी है शहद सी
हूजूर आप मेरी जुबान से पूछो..

पैर जमाए बैठे हैं हम जमीं पे ही
मगर पहुंच आप मेरी आसमान से पूछो!

गाँव, गँवार, वक़्त, फ़ुरसत, इतवार

तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है,
और तू मेरे गाँव को गँवार कहता है।

थक गया है हर शख़्स काम करते करते,
तू इसे अमीरी का बाज़ार कहता है।

गाँव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास,
तेरी सारी फुरसत तेरा इतवार कहता है।

~ अज्ञात

Wednesday, August 21, 2019

स्वदेश का प्यार

"जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।"

~ गयाप्रसाद शुक्ल 'स्नेही'

Sunday, August 18, 2019

ऐब, फरिश्ता

किसी सहरा में महकता गुलिस्ताँ न हो जाऊँ!

हर ऐब सुधार लूँ तो फ़रिश्ता न हो जाऊँ!!

Saturday, August 17, 2019

कुछ काम करो, कुछ काम करो

कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रह कर कुछ नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो, न निराश करो मन को।

~ मैथिलीशरण गुप्त

मुलाकात, बात

कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है

~ शकील बदायुनी

Friday, August 16, 2019

तलब, जुनून, तन्हा देख कर

तेरी तलब की हद ने कुछ ऐसा जुनून बक्शा है...
हम नींद से उठ जाते हैं तुझे ख्वाब में तन्हा देख कर...

Thursday, August 15, 2019

मेरी पेशानी पे

मैं मर जाऊं तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना,
लहू से मेरी पैशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना!

Rahat Indori

Wednesday, August 14, 2019

खानाबदोश, सादा दिल

यूँ मोहब्बत से ना हम खाना - बदोशों को बुलाओ,
हम इतने सादा दिल हैं के घर -बार उठा लायेंगे!

सोये भी ना

लिख तू कुछ ऐसा
ऎ-दिल जिसे पढ
वो रोये भी ना
और रात भर सोये भी ना!

आँखें झील सी, होंठ गुलाब से, लोग किताब जैसे

आँखे झीलों की तरह होंठ गुलाब जैसे 
अब भी होते है कई लोग किताब जैसे!

जिन्दगी, ख्वाब, जुर्म, इल्जाम

इतनी सी तो ज़िन्दगी है,
पर ख्वाब बहुत है!
जुर्म का तो पता नही,
पर इल्ज़ाम बहुत है!

Tuesday, August 13, 2019

कीचड़, खुशी की खातिर, बरबाद, लीचड़

अब सपनों को उगाने वाली मिट्टी नही,
बल्कि आंसुओं से बना हुआ कीचड़ हूँ मैं...
उसकी खुशी की खातिर,
अपना सब कुछ लुटा कर बर्बाद हो गया,
फिर भी वो कहती है,
कि इश्क़ में, लीचड़ हूँ मैं....!!

गलतफहमी, निभाना, इश्क, मुलाकात

गलतफ़हमीयाँ मिटाने के लिए,
दो बातें जरुरी होती हैं,
यूँही नहीं निभाया जाता इश्क,
मुलाकातें जरुरी होती हैं!

Monday, August 12, 2019

खामोश, ख्याल, तेरी बातें, गुफ्तगू, रातें

चंद खामोश ख्याल और तेरी बातें,
खुद से गुफ़्तगु में गुजर जाती हैं  रातें!

Monday, August 5, 2019

बुलंद, तकदीर, रजा

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है