Tuesday, August 29, 2023

तू दिल हार गुजरा, हम जान हार गुजरे

जब जुल्फ की कालिख में घुल जाए कोई राही,

बदनाम सही पर गुमनाम नहीं होत।

 

आगाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता,

जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता।

 

यूँ तेरी रहगुजर से दीवानावार गुजरे,

काँधे पे तेरी रख के अपना मजार गुजर।

 

बैठे है रास्ते में दिल का खंडहर सजा कर,

शायद इसी तरफ से एक दिन बहार गुजरे।

 

बहती हुई ये नदियाघुलते हुए किनारे,

कोई तो पार गुजरेकोई तो पार गुजरे। 

 

तूने भी हमको देखाहमने भी तुझको देखा,

तू दिल ही हार गुजराहम जान हार गुजरे।

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