Sunday, May 17, 2020

अब मसीहा भी क्या दवा देगा

आदमी आदमी को क्या देगा

जो भी देगा वही ख़ुदा देगा

मेरा क़ातिल ही मेरा मुंसिब है
क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा

ज़िन्दगी को क़रीब से देखो
इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा

हमसे पूछो दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा

इश्क़ का ज़हर पी लिया 'फ़ाकिर'
अब मसीहा भी क्या दवा देगा

-सुदर्शन फ़ाकिर

No comments: