Thursday, May 28, 2020

बिगड़े हुए हालात बदल जाएंगे एक दिन।

गिरे हैं अगर तो संभल जाएंगेे एक दिन,
बिगड़े हुए हालात बदल जाएंगे एक दिन।

आंसूओं को बर्फ में जमना है जमने दो,
दर्द की आंच से पिघल जाएंगे एक दिन।

एक उम्र पड़ी है इनके सजने संवरने की,
अरमान दिल के निकल जाएंगे एक दिन।

अमीरों की तिजोरी में थोड़ा जंग लगने दो,
मेरे खोटे सिक्के भी चल जाएंगे एक दिन।

वो अगर हमारे सांचे में नहीं तो क्या हुआ,
हम उस के सांचे में ढल जाएंगे एक दिन।

सारी आंधियों को अपनी ताक़त दिखानें दो,
हमारे चिराग़ फिर से जल जाएंगे एक दिन।

मेरी हो जाए अगर ठीक से राहों से गुफ्तगू,
ख़्वाब फिर मंज़िल के पल जाएंगे एक दिन।

परिंदे फंदों में उतरकर दाना तो चुग रहे हैं,
शिकारी अगर देख ले छल जाएंगे एक दिन।

मेरी मां की दुआओं का असर तो होने दो,
 हादसे भी सारे टल जाएंगे एक दिन।

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