Tuesday, May 26, 2020

बरसों बीत गए दिल से मस्कुराए हुए

बरसों बीत गए दिल से मस्कुराए हुए
इस कदर खामोशी ने हमें अपना बना लिया
कि महफ़िल में भी जाने से डर लगता है...
जो हँसी खुशी मस्ताना अदांज पहचान थी मेरी...
वो सब बस यादों मे सिमट गया
और सुकुन भी अब महफिल में नहीं
बीती यादों मे मिलता है.....
जो लब पर हँसी के साथ साथ पलकों को भी भिगोता है।।।

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