आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
ज़िन्दगी में हर चीज मालूम हो, ये जरुरी तो नहीं, देखो ना... तुम साँसों में रहोगे ये मालूम है, साँसें कब तक चलेंगी ये मालूम नहीं!
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