बड़ी आसानी से निकाल देता हूँ मैं दूसरों में ऐब,
मेरा दिल जैसे नेकियों का नवाब है!
अपने गुनाहों पर सौ परदे डालकर,
मैं खुद कहता हूँ कि ज़माना बड़ा खराब है!!
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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