Tuesday, November 14, 2023

अपने दिल पे मुझे इख़्तियार भी तो नहीं

नसीब-ए-इश्क़ दिल-ए-बे-क़रार भी तो नहीं

बहुत दिनों से तिरा इंतिज़ार भी तो नहीं


तिरी निगाह-ए-तग़ाफ़ुल को कौन समझाए

कि अपने दिल पे मुझे इख़्तियार भी तो नहीं


~ नासिर काज़मी

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