तुम्हारे चाहने वाले बहुत हैं
अब तुम्हें हमारी चाहत की जरूरत नहीं
तुम्हें संभालने वाले बहुत हैं
अब तुम्हें हमारी हौसले की जरूरत नहीं
तुम्हारे दर्द बाटने वाले बहुत हैं
अब तुम्हें हमारी बाहों की गरमाहट की जरूरत नहीं
तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान लाने वाले बहुत हैं
अब तुम्हें हमारी प्यार भरी बातों की जरूरत नहीं
तुम्हारे चोट पर मरहम लगाने वाले बहुत हैं
अब तुम्हें प्यार से सहलाने के लिए
हमारी हाथों की जरूरत नहीं
तुम्हें अपनी अदाओं से अपना बनाने वाले बहुत हैं
अब तुम्हें हमारी सादगी की जरूरत नहीं
No comments:
Post a Comment