किस की आहट सुनता हूँ वीराने में
- गुलज़ार
जिसे न आने की क़स्में मैं दे के आया हूँ
उसी के क़दमों की आहट का इंतिज़ार भी है
- जावेद नसीमी
मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी
कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए
- बशीर बद्र
आहटें सुन रहा हूँ यादों की
आज भी अपने इंतिज़ार में गुम
- रसा चुग़ताई
'अख़्तर' गुज़रते लम्हों की आहट पे यूँ न चौंक
इस मातमी जुलूस में इक ज़िंदगी भी है
- अख़्तर होशियारपुरी
नींद आए तो अचानक तिरी आहट सुन लूँ
जाग उठ्ठूँ तो बदन से तिरी ख़ुश्बू आए
- शहज़ाद अहमद
कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई
दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई
- ख़ुर्शीद अहमद जामी
कोई आवाज़ न आहट न कोई हलचल है
ऐसी ख़ामोशी से गुज़रे तो गुज़र जाएँगे
- अलीना इतरत
आज भी नक़्श हैं दिल पर तिरी आहट के निशाँ
हम ने उस राह से औरों को गुज़रने न दिया
- अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन
शाम ढले आहट की किरनें फूटी थीं
सूरज डूब के मेरे घर में निकला था
- ज़ेहरा निगाह
आहट भी अगर की तो तह-ए-ज़ात नहीं की
लफ़्ज़ों ने कई दिन से कोई बात नहीं की
- जावेद नासिर
ये भी रहा है कूचा-ए-जानाँ में अपना रंग
आहट हुई तो चाँद दरीचे में आ गया
- अज़हर इनायती
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