Thursday, May 6, 2021

आहट शायरी

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है 
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में 
- गुलज़ार

जिसे न आने की क़स्में मैं दे के आया हूँ 
उसी के क़दमों की आहट का इंतिज़ार भी है 
- जावेद नसीमी

मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी 
कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए 
- बशीर बद्र
 
आहटें सुन रहा हूँ यादों की 
आज भी अपने इंतिज़ार में गुम 
- रसा चुग़ताई

'अख़्तर' गुज़रते लम्हों की आहट पे यूँ न चौंक 
इस मातमी जुलूस में इक ज़िंदगी भी है 
- अख़्तर होशियारपुरी

नींद आए तो अचानक तिरी आहट सुन लूँ 
जाग उठ्ठूँ तो बदन से तिरी ख़ुश्बू आए 
- शहज़ाद अहमद

कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई 
दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई 
- ख़ुर्शीद अहमद जामी

कोई आवाज़ न आहट न कोई हलचल है 
ऐसी ख़ामोशी से गुज़रे तो गुज़र जाएँगे 
- अलीना इतरत
 
आज भी नक़्श हैं दिल पर तिरी आहट के निशाँ 
हम ने उस राह से औरों को गुज़रने न दिया 
- अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन

शाम ढले आहट की किरनें फूटी थीं 
सूरज डूब के मेरे घर में निकला था 
- ज़ेहरा निगाह

आहट भी अगर की तो तह-ए-ज़ात नहीं की 
लफ़्ज़ों ने कई दिन से कोई बात नहीं की 
- जावेद नासिर

ये भी रहा है कूचा-ए-जानाँ में अपना रंग 
आहट हुई तो चाँद दरीचे में आ गया 
- अज़हर इनायती

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