Sunday, August 2, 2020

जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे

वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा 
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया.

कासा - भिक्षापात्र

ये कैंचीयाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी,
कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं.

सूरज, सितारें, चाँद मेरे साथ में रहें, 
जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे, 
शाखों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हम, 
आँधी से कोई कह दे कि औकात में रहे! 

रोज पत्थर कि हिमायत में गजल लिखते हैं, 
रोज शीशों से कोई काम निकल आता है! 

राज जो कुछ हो, इशारों में बता भी देना, 
हाथ जब उससे मिलाना, तो दबा भी देना! 

गुलाब, ख्वाब, दवा, जहर, जाम क्या क्या है? 
मैं आ गया हूँ, बता इन्तजाम क्या क्या है! 

किसने दस्तक दी दिल पे, कौन है? 
आप तो अंदर है बाहर कौन है! 

राहत इंदौरी




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