Saturday, August 1, 2020

रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है

ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम 
रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है 
~ क़मर बदायुनी 

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