Wednesday, July 4, 2018

पतवार

एक टहनी एक दिन पतवार बनती है,
एक चिंगारी दाहक अंगार बनती है।
जो सदा रौंदी गई बेबसी समझकर,
एक दिन मिटटी वही मीनार बनती है ॥

No comments: