फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बड़ा दिए वरना,
सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो बात है।
Saturday, June 23, 2018
बादशाह फकीर
मुहब्बत में अपने को हमेशा बादशाह समझा हमने,
एहसास तो तब हुआ जब वफ़ा मांगी फकीरों की तरह।
कितने नादान
कर जाते हैं शरारत क्योंकि थोड़े शैतान हैं हम,
कर देते हैं ग़लती क्योंकि इंसान हैं हम;
ना लगाना हमारी बातों को क़भी दिल से,
आपको तो पता है ना कितने नादान हैं हम!
Thursday, June 14, 2018
जला लिया दिल
वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैंने,
वफ़ा के शीशमहल में सजा लिया मैंने।
कभी न ख़त्म किया मैंने रोशनी का मुहाज़,
अगर चिराग बुझा तो दिल जला लिया मैनें।।
कमी खलती है
जाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी खलती है बहुत,
यादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत।
दावे करती हैं ज़िन्दगी, जो हर दिन तुझे भुलाने की,
किसी न किसी बहाने से, तुझे याद करती है बहुत।।
Wednesday, June 13, 2018
एक बार
मन एक बार महक जाने देते,
पग एक बार बहक जाने देते।
तुमने खुद को क्यौ रोक लिया,
घट एक बार छलक जाने देते।।
तुम हो जिसे
तुम ना आये तो क्या सहर ना हुई
हाँ मगर चैन से बसर ना हुई।
मेरा नाला# सुना जमाने ने,
एक तुम हो जिसे खबर ना हुई!
#रोना धोना, शिकवा गिला
वो शख्स
गुजरे दिनो की याद, बरसती घटा लगे,
गुजरू जो उस गली से, तो ठंडी हवा लगे।
मेहमान बनके आये, किसी रोज गर वो शख्स,
उस रोज बिन सजाये, मेरा घर सजा सजा लगे!
क्या करूँ
कतरा के जिंदगी से, गुजर जाऊं, क्या करूं!
रूसवाइओ के खौफ से, मर जाऊं, क्या करूं।
मैं क्या करूं कि, तेरी अना को मिले सकून!
गिर जाऊं, टूट जाऊ बिखर जाऊं, क्या करू।।
आँखों की नमी
ज़माने के सवालों को मैं, हंस के टाल दूं मेरे दोस्त,
लेकिन नमी आंखों की कहती हैं, तुम बहुत याद आते हो!
दुनिया की रस्म
भरी महफ़िल में गले मिलके वो धीरे से कह गये,
ये दुनिया की रस्म है इसे मोहब्बत ना समझना।
दुआओं में असर
वो बड़ा रहीम-ओ-क़रीम है, मुझे यह सिफ़्त भी अता करे।
तुझे भूलने की दुआ करूँ, तो मेरी दुआ में असर न हो।।
दुआएँ
मेरी सारी दुआएं तुमसे ही मंसूब (related) हैं ऐ दोस्त,
मुहब्बत हो अगर सच्ची, दुआएं कब बदलती हैं।
Sunday, June 10, 2018
कामयाबी
जिन्हें कामयाबी में सुकून नजर आया,
वो तो दौड़ते ही रह गए!
हमें सुकून में कामयाबी दिखी,
तो हम ठहर गए!!
Sunday, June 3, 2018
कमाल
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है।
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।।