यूँ हर पल हमें सताया न कीजिये,
यूँ हमारे दिल को तड़पाया न कीजिये,
क्या पता कल हम हों न हों इस जहॉ में,
यूँ नजरें हमसे आप चुराया न कीजिये।
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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