Thursday, March 29, 2018

अधूरा कोई किस्सा

पता नहीं हमारे दरमियान यह रिश्ता कौन सा है, 
लगता है कि सालों पुराना अधूरा कोई किस्सा सा है।

 

नाराज़ ना होना कभी बस यहीं एक गुज़ारिश सी है, 
महकी हुई इन साँसों से, साँसों की सिफ़ारिश सी है।

 

बदल जाए चाहे सारा जग पर ना बदलना तुम कभी, 
ख़्वाबों के खुशनुमा शहर में मिलने आना तुम कभी।

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