पता नहीं हमारे दरमियान यह रिश्ता कौन सा है,
लगता है कि सालों पुराना अधूरा कोई किस्सा सा है।
नाराज़ ना होना कभी बस यहीं एक गुज़ारिश सी है,
महकी हुई इन साँसों से, साँसों की सिफ़ारिश सी है।
बदल जाए चाहे सारा जग पर ना बदलना तुम कभी,
ख़्वाबों के खुशनुमा शहर में मिलने आना तुम कभी।
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