Wednesday, January 7, 2009

Salaam

एक रंगीन झिझक एक सादा पयाम !
कैसे भूलूं किसी का वो पहला सलाम !!
[;)]

Sochta हूँ..

सोचता हूँ क्या उसे नींद आती होगी,
या मेरी तरह सिर्फ़ अश्क बहाती होगी।
वो मेरी शक्ल, मेरा नाम भुलाने वाली,
अपनी तस्वीर से क्या आँख मिलाती होगी..