आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह!
Post a Comment
No comments:
Post a Comment