हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं,
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं!
वो हर बार दिल तोड़ता है ये कह कर,
मेरी उम्मीदों की दुनिया में अभी मुकाम बहुत है!
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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