उसके साथ रहते रहते, उससे चाहत सी हो गई है,
उससे बात करते करते, उसकी आदत सी हो गई है!
एक पल ना मिलो तो, बेचैनी सी लगती है,
दोस्ती निभाते निभाते उससे, मोहब्बत सी हो गई है!
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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