Sunday, April 3, 2022

तुम्हें याद हो के न याद हो !

वो जो हम में तुम में क़रार था, तुम्हें याद हो के न याद हो

वही वादा यानि निबाह का, तुम्हें याद हो के न याद हो !

जिसे आप गिनते थे आशना, जिसे आप कहते थे बावफ़ा

मैं वही हूँ मोमिन-ए-मुब्तला, तुम्हें याद हो के न याद हो !


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