Wednesday, February 12, 2020

Diary Jan '95


कभी कभी मंदिर में जाप कर लेता हूँ मैं,
कभी मस्जिद में आ ला प कर लेता हूँ मैं!
कहीं इंसान से बढ़कर भगवान् न हो जाऊँ,
इसलिए थोड़ा सा पाप कर लेता हूँ मैं!

फलक को जहाँ जिद है बिजलियाँ गिराने की,
हमें भी वहां जिद है आशियाँ बनाने की !

इधर मेरी गर्दन पे खंजर चलेगा
उधर माथे पे बिंदिया सजेगी
मजा लेकर उनको फिर रोना पड़ेगा
जिस रोज मेरी मय्यत उठेगी ।

लोग गैरों की बात करते हैं
हमने अपनों को आजमाया है
लोग काटों से बचकर चलते हैं
हमने फूलों से ज़ख्म पाया है।

अब भी ताजा है तेरी यादें, मगर क्या करूँ
और भी गम है ज़माने में मोहब्बत के सिवा।

 खुद पर मर मिटता है परवाना जलती हुई शमाँ को देखकर,
अश्क बहता है आसमान भी तपती हुई जमीं को देखकर.

ऐ वक़्त ठहर जा, मुझे संवर लेने दे,
मेरी सजनी है उधर जरा खबर लेने दे.

जुदाई ने तेरी हर शय से बेगाना किया मुझको,
मुझे तो हर ख़ुशी रूठी हुई मालूम होती है.

तु नहीं तो जिंदगी में और क्या रह जायेगा,
दूर तलक तन्हाईयों का सिलसिला रह जायेगा.

जी चाहता है फूल सा चेहरा चूम लूँ,
काँटें है आस पास करूँ तो क्या करूँ.

Holi works in many ways that are wondrous and strange.
And there is nothing in face that the colours of holi can’t change.

Celebrate holi with rang and rangoli,
Without forgetting bhang ki goli,
Enjoy it with your humjoli,
Always speak pyar ki boli,
Never use bomb and goli,
Sing the song happy holi.

होली पर होंगी कुछ नटखट बातें,
होंगी मुस्कुराहटें और मीठी शरारतें,
ढेरों मिठाई के संग जमेगा ठंडई का रंग,
आशा है आपके जीवन में लाये नहीं उमंग.

तुझे क्या बताऊँ दिलरुबा,
मेरा क्या हाल है,
तेरी एक नज़र की बात है,
मेरी जिंदगी का सवाल है.

पत्थर के जिगर वालों गम में भी रवानी है,
खुद रास्ता बनाएगा बहता हुआ पानी है,
आँख में जो आसूँ है कौन इसका सानी है,
रुक गया तो मोती है बह गया तो पानी है/

निगाहें मिलाकर बदल जाने वाले,
मुझे तुझसे कोई शिकायत नहीं,
यह दुनिया बड़ी संगदिल है,
किसी से किसी को मोहब्बत नहीं.

मुझे सहज जो गयी मंजिल,
वो राह भी बदल गए,
तेरा राह जो हाथ में आ गया,
चिराग भी राह में जल गए.

हँसना तो बड़ी शय है रोने भी नहीं देते,
लम्हें तुम्हारी याद के कुछ ऐसे भी आते है.

मुझसे मत पूछ मेरी जेब में क्या रखा है,
नोट दस का है जो बीबी से छुपा रखा है.
चाय कल साथ पीने के लिए
स्टेनो ने प्रोग्राम बना रखा है.


करें न फिक्र तुम्हारा तो क्या करें हम,
कुछ और न मिल सका अपनी दास्ताँ के लिए.

जब शाम का सूरज ढलता है,
एक दर्द सा दिल में पलता है,
तन्हाई बड़ी तडपाती है.
एक याद किसी की आती है.

छलक कर आँख से नम कर गयी दामन को
कभी जो इतिफाक से ख़ुशी मेरे हिस्से में आई है.

वो खूबसूरत ज़माने याद आयेंगे
चाह कर भी हम तुमको न भूल पाएंगे
यादों के चिराग सदा जगमगायेंगे
जब भी इस जीवन में गम मुस्कुराएंगे.

खेलने के वास्ते अब दिल किसी का चाहिए,
उम्र ऐसी है की हमको एक प्रियतमा चाहिए.

मालूम नहीं हमको इस शहर का बासिन्दा,
किस बात पे हँसता है, किस बात पे रोता है.

मैं गीत बरसाने वाला बदल हूँ,
प्यासे नयनों में हँसता काजल हूँ.

बचपन आया मैंने उसको जीवन की आशा दे दी,
यौवन आया मैंने उसको कर्मों की अभिलाषा दे दी.

आप का दामन मिला तो गम हमारे बह गए,
खिजा में भी बहार के कुछ नज़ारे रह गए.

 डिअर, आ रही है २६ जनवरी,
अब बातें न बनाओ बड़ी बड़ी,
बर्थडे है तुम्हारे उस दिन,
कल खाने को पल पल रहे है गिन.

तुमसे है सफलता का सूरज,
तुम चंद्रमा का एहसास हो,
यूं दूर ही सही पर तुम
हमेशा दिल के पास हो,

चाँद भी तेरे दीदार को आया होगा
जब तुमने रुख से पर्दा हटाया होगा,

हजारों बहारों का जिस बुत पे शबाब आया है
उनपे पे प्यार आया तो बेशिसब आया है.

तु किसी और की जागीर है ऐ जाने ग़ज़ल,
लोग तूफ़ान उठा देंगे, मेरे साथ न चल,

तस्वीर को तुम्हारी सीने से लगाये बैठे है,
यादों में उनकी खुद को भुलाये बैठे है,

आधी रात जो जब ये दुनिया वाले, ख्वाबों में खो जाते है,
ऐसे में मोहब्बत करने वाले यादों के चिराग जलाते हैं.

चाँद से गिरा एक चाँद का टुकड़ा,
बन गया वो तेरा सुन्दर मुखड़ा.

नज़रें मिली तो वक़्त की रफ़्तार थम गयी,
नाजुक से उस पल पे सदियों का बोझ था.

हमसफ़र साथ साथ चलते है.
बेवफा रस्ते बदलतें है.

ख़ुशी जिसने खोजी वो धन लेके लौटा,
हसीं जिसने खोजी वो चमन लेके लौटा
मगर प्यार को जिसने भी खोजा
न तन लेके लौटा न मन लेके लौटा.

जब तक खून में रवानी है
तब तक जिस्म में जिंदगानी है.

तेरे शहर में जब मैं तुझको रुसवा करूँगा
दिल तो दिल है पत्थर में भी सुनाई दूंगा

फूलों सी महको कलियों सी खिलो
बाबुल के आँगन में चिड़ियों सी चहको

मेरे जीवन की सबसे हसीं गिफ्ट हो तुम,
मेरे इस छोटे से दिल में शिफ्ट हो तुम.

खुशबूओं की तरह तु महकती रहे,
बुलबुलों की तरह तु चहकती रहे
दिल की इस धड़कन से आ रही है सदा,
तु सलामत रहे बस यही है दुआ.

और हसीं हो जाओगी जब पहनोगी प्यार के गहने,
और निखर जाओगी जब हम दिल में लगेंगे रहने.

आसूं मिले दर्द मिला बेकसी मिली,
अब जाके लग रहा है मुझे जिंदगी मिली,
खोकर के मैंने खुद को पाया है तुझको,
बदले में जिंदगी के मुझे जिंदगी मिली,

जो भरा नहीं है भावों से, जिसमे बहती रसधार नहीं,
वो मनुज नहीं पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं.

उन आँखों की खुमारी क्या कहिये,
इस दिल की बेकरारी क्या कहिये.
एक नशा सा छाया है उन पर,
उनकी एक नज़र गयी है जिस पर.

कहीं का ईट कहीं का रोड़ा,
ये अब सरफिरे ने शेर छोड़ा,

बैठे है रहगुजर में दिल का दिया जलाये.
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये,

जब उसकी चुनरी लहराए बरसात हो जाए,
जब वो जुल्फें बिखराए दिन में रात हो जाये,

मोहब्बत को दिल ऐ नायब कहते हैं,
हम आपको आदाब कहतें है.

गर मैं तेरे हुस्न का सौदाई होता,
तो तेरी यार आती, मैं न सोता
करवटे बदलता रातों को नींद खोता,
मचलता तड़पता तेरे दीदार को रोता,

जो तुम मिल जाओ जमाना छोड़ देंगे हम,
तुझे पाने को दुनिया की हर रस्म तोड़ देंगे हम,
जिसमे तुम न हो वो बहार छोड़ देंगे हम,
जिसमे तेरी शय न हो वो शीशा तोड़ देंगे हम,

नाक में है दम,
घर में है बेगम.

वह पथ क्या पथिक कुशलता क्या,
जिस पथ में बिखरे शूल न हों,
नाविक की धैर्य कुशलता क्या,
यदि धाराएँ प्रतिकूल न हों,

सोचा नहीं था की तुमसे दूर निकल जायेंगे कहीं,
देखा तो हर मुकाम तेरी रहगुजर में है,

बढ़ा कर दोस्ती का हाथ जो तुमने पीछे हटा लिया,
लगा जैसे सावन का बादल बिन बरसे आगे बढ़ गया,

मिस्री की डली खुशबू वाली कली
तु मुझे पहले क्यों नहीं मिली.

जिस तरह हर पत्थर चमकदार नहीं होता,
हर फूल खुशबूदार नहीं होता,
उसी तरह दोस्ती सोच समझकर करना,
हर दोस्त वफादार नहीं होता.

क्यों भर आई तुम्हारे आँखों में अभी से आंसूं,
अभी छेडी कहाँ है मैंने दास्ताँ ऐ मोहब्बत,
सुबह से शाम तक जमीन से आसमान तक
दिल के दर्पण में तु मेरा दीदार है,
सोचता हूँ किसी दिन मैं तुझसे कहूं,
तु मेरी इबादत है तु मेरा प्यार है.

राह चलते अक्सर गुमान होता है जैसे,
चुपके से कोई नज़र देख रही हो जैसे,

फिर छाई है बहार की ऋतू,
फिर वही तन्हाई है,
रजनगंधा की महक लिए
याद उन्ही की आई है,

खुदा करे तुझ पर ज़माने भर का नूर इस कदर बरसे,
तु अगर चाहे भी तो गम को उम्र भर तरसे,

हर पर ख़ुशी उनको नसीब हो ऐ मेरे खुदा,
तस्वीर जिनकी रहती है हर पल निगाहों में,
.
ऐसा महबूब मिला है मुकद्दर से मुझको,
दुनिया वाले भी जिसे देखकर जलते होंगे.

जिस दिन से है तुझको देखा, लगने लगा है ऐसा,
तुम चाँद सी लगती हो या चाँद तुम्हारे जैसा,

अमर बेला की मधुर डाल सा.
तेरा मेरा प्यार भी फलके.
चंदा की चांदनी से धुलकर,
सूरज की रौशनी सा दमके.

खुशबू की तरह आई वो तेज हवाओं में.
माँगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में.

सावंली शामों से कह दो मेरे आँगन में न उतरे
उन्हें देख के बेशख्ता मेरा महबूब याद आता है
बादलों से कह दो यूं टूट के न बरसे
ऐसे भींगे मौसम में मेरा महबूब याद आता है,

जुल्म सहके जो कुछ नहीं कहते वो लोग भी अजीब होते है,
इश्क में और कुछ नहीं मिलता,  बस सैकड़ों गम नसीब होते हैं,

हमपे दुःख का पर्वत टूटा, तो हमने दो चार कहे,
उसपे भला क्या बीते होगी, जिसने शेर हज़ार कहे,

रात के सन्नाटे में हमने क्या क्या धोके खाए हैं,
जब अपना ही दिल धड़का, हम समझे वो आये हैं.

एक मुद्दत से चिरागों की तरह जलते हैं,
इन आँखों की आग को बुझा दो कोई.


मेरा दिल रो रहा है, मेरी आँखें नम नहीं,
लोग समझते है मुझे कोई गम नहीं,

हम ज़िन्दगी में ये गुस्ताखी करेंगे एक बार,
यार पैदल चलेंगे और हम होंगे कन्धों पे सवार,

तेरे चेहरे के आगे ताजा गुलाब क्या होगा,
तु लाजबाब है खुदा की कसम तेरा जबाब क्या होगा.
दो घूट पिए है हमने जहर के , एक घूँट तु भी पिला दे,
अंगारों पे रक्खी है अपने जिंदगी, अब चाहे तो तु ही जला दे.

तेरे बगैर भी हम जी लेंगे,
ज़िन्दगी ज़हर समजकर पी लेंगे
मेरी खातिर न कभी तुम रुसवा होना,
दर्द जुदाई का हम ख़ुशी से सह लेंगे.

यार के ही बहाने चले आइये,
मेरी दुनिया बसने चले आइये,
प्यार को आजमाने चले आइये,
अपनी सूरत दिखने चले आइये,
नींद में, ख्वाब में आप हैं,
आप मुझे जगाने चले आइये,
याद में आपकी मैं रोया हूँ बहुत,
कुछ तो हसने हँसाने चले आइये.


मेरी अर्ज़ है मुझसे अब वफ़ा न करना
मेरे हक में तु अब दुआ न करना
गम के साए में तेरी, मैं जी लूँगा
मैं अपने आसूं आप ही पी लूँगा.





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