वो दिन दिन नही, वो रात रात नही;
वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही;
आपकी यादों से मौत हमे अलग कर सके;
मौत की भी इतनी भी औकात नही।
वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही;
आपकी यादों से मौत हमे अलग कर सके;
मौत की भी इतनी भी औकात नही।
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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