शिकायतें न गिलां करे, कोई दोस्त ऐसा हुआ करे,
कभी चुपके दबे क़दम, मेरे पीछे आकार हँसा करे।
कभी रो भी ले वो बेपनाह, कभी बेतहाशा उदास हो,
मैं उसके लिए दुआ करूँ, वो मेरे लिए दुआ करे।।
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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