तू मुझे और मैं तुझे इल्ज़ाम देता हूँ मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नहीं, मैं भी नहीं...!!!
ग़लत फ़हमियों से पैदा है ये दूरियाँ वरना,
फ़ितरत का बुरा तू भी नहीं, मैं भी नहीं...!!!
गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं ... !!!
अपने अंदर झाँकता तू भी नहीं, मैं भी नहीं...!!!
ग़लत फ़हमियों से पैदा है ये दूरियाँ वरना,
फ़ितरत का बुरा तू भी नहीं, मैं भी नहीं...!!!
गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं ... !!!
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