Friday, July 27, 2012

gahri

गहरी थी रात मगर हम खोये नहीं,
दर्द बहुत था दिल में, मगर हम रोये नहीं।
कोई नहीं हमारा अपना, जो पूछता हमसे,
जाग रहे हो किसी के लिए,
या किसी के लिए सोये नहीं।

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