सोच को बदलो, सितारे बदल जायेंगे,
नजर को बदलो, नज़ारे बदल जायेंगे;
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नही,
दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जायेंगे..
Monday, April 20, 2009
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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