Tuesday, July 12, 2022

शराब - 6 शायरों का अलग नजरिया.

एक ही विषय पर 6 शायरों का अलग नजरिया.... जरूर पढें :-


1- *Mirza Ghalib*: 1797-1869


"शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर,

या वो जगह बता जहाँ ख़ुदा नहीं।" 


....... इसका जवाब लगभग 100 साल बाद मोहम्मद इकबाल ने दिया...... 


2- *Iqbal*: 1877-1938


"मस्जिद ख़ुदा का घर है, पीने की जगह नहीं ,

काफिर के दिल में जा, वहाँ ख़ुदा नहीं।"


....... इसका जवाब फिर लगभग 70 साल बाद अहमद फराज़ ने दिया...... 


3- *Ahmad Faraz*: 1931-2008


"काफिर के दिल से आया हूँ मैं ये देख कर, 

खुदा मौजूद है वहाँ, पर उसे पता नहीं।"


....... इसका जवाब सालों बाद वसी ने दिया...... 


4- *Wasi*:1976-present


"खुदा तो मौजूद दुनिया में हर जगह है,

तू जन्नत में जा वहाँ पीना मना नहीं।"


वसी साहब की शायरी का जवाब साकी ने दिया 


5- *Saqi*: 1986-present


"पीता हूँ ग़म-ए-दुनिया भुलाने के लिए,

जन्नत में कौन सा ग़म है इसलिए वहाँ पीने में मजा नही।".....


में हमारे एक दोस्त  के हिसाब से - 


आज एक दोस्त ने कहा:-


"ला भाई दारू पिला, बकवास न यूँ बांचो,

जहाँ मर्ज़ी वही पिएंगे, भाड़ में जाएँ ये पांचों".....


😂🤣😜😝😆🍷🍺🍻🥃

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