आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
दिल के सच्चे लोग कुछ एहसास लिखते है, मामूली शब्दों में ही सही, कुछ खास लिखते है!
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