Friday, August 31, 2018

साथ शायरी



1. दिल लगाओ तो जुदा होने की हिम्मत भी रखना,
क्युकी जिंदगी में तकदीर के साथ सौदे नही होते.

 2. अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशान को,
वो भी अधूरे लगते है तेरे साथ के बिना .

3. प्यार मे कितनी ही बाधा दिखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा ही दिखी

4. काश कोई अपना हो तो आईने जैसा हो,
जो हँसे भी साथ और रोए भी साथ

5. यादें बनकर जो तुम साथ रहते हो मेरे,
तेरे इतने अहसान का भी सौ बार शुक्रिया

6. जैसे जैसे दोस्तों का साथ बढ़ता जाता है,
दुश्मनों की गलियां भी गुलजार होने लगती हैं

7. आंखे बंद होने से पहले, यदि आंखे खुल जाए,
दावे के साथ कहता हूँ, पूरी ज़िंदगी सुधर जाए

8. उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में,
पर खुश रहने का मज़ा आपके ही साथ है

9. एक शाम आती है, याद तुम्हारी लेकर,
एक शाम जाती है, याद तुम्हारी देकर,
पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है,
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर.

10. कभी पास बैठ कर गुजरा कभी दूर रह कर गुजरा
लेकिन तेरे साथ जितना भी वक्त गुजरा बहुत खूबसूरत गुजरा

11. माना कि दो किनारो का कही संगम नही होता,
मगर साथ चलना भी तो कम नहीं होता

12. करोडो लोगों की क्या बात करू,
मेरे दोनो पाॅव भी कभी साथ नहीं चलते

13. कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़ुबानी कह देंगे

14. हो जायेगा सफ़र आसां आओ साथ चलकर देखें,
कुछ तुम बदलकर देखो कुछ हम बदलकर देखें.

15. जो लम्हा साथ हैं उसे जी भर के जी लेना,
कम्बख्त ये जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है.

16. दूरियाँ तय तो करते है पर फ़ासले कम नहीं होते,
सफ़र तो साथ ही करते है पर वो हमसफ़र नहीं होते.

17. अनदेखे बेनाम धागों में यूं बांध गया कोई,
की वो साथ भी नही और हम आजाद भी नही.

सफ़र शायरी


  1. एक सफ़र वो है जिस में,
पाँव नहीं दिल दुखता है!

 

  1. ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा!

 

  1. इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम सोए रात थक कर सो गई!

 

  1. हो जायेगा सफ़र आसां आओ,
साथ चलकर देखें,

कुछ तुम बदलकर देखो  कुछ,

हम बदलकर देखें!

 

  1. मंज़िलों को हम रहगुज़र को देखते हैं,
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं!

 

  1. आए ठहरे और रवाना हो गए,
ज़िंदगी क्या है, सफ़र की बात है!

 

  1. सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत राह--शौक़ में,
मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही!

 

  1. तुमसे ना कट सके गा अंधेरों का ये सफ़र,
कि अब शाम हो रही है ,मेरा हाथ थाम लो!

 

  1. मुसीबतें लाख आएंगी जिंदगी की राहों में,
रखना तू सबर,

मिल जाएगी तुझे मंजिल इक दिन

बस जारी रखना तू सफ़र!

 

10. इन अजनबी सी राहों में, जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,

बीत जाए पल भर में ये वक़्त, और हसीन सफ़र हो जाये.

 

  1. सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली!

 

12. मुझे ख़बर थी मिरा इंतिज़ार घर में रहा,

ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा!

किसी को निकलते ही मिल गई मंज़िल,

कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा!!

 

13. आज फिर से उसकी यादों में खो गया मैं,

पूछा जो मुझसे किसी ने मुहब्बत का सफ़र कैसा था!

 

14. अजीब सी पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की लकीरों में,

लिखा तो है सफ़र मगर मंज़िल का निशान नहीं!
 
 

Sunday, August 26, 2018

हम

कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम,
जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम,
यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सका हमें;
मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम।।

ऐसा दोस्त

शिकायतें न गिलां करे, कोई दोस्त ऐसा हुआ करे,
कभी चुपके दबे क़दम, मेरे पीछे आकार हँसा करे।
कभी रो भी ले वो बेपनाह, कभी बेतहाशा उदास हो,
मैं उसके लिए दुआ करूँ, वो मेरे लिए दुआ करे।।