Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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जादू भरी नज़र
तू भी नहीं, मैं भी नहीं..
fir wahi yaad aane lage
उसे बुरा न कहो
चिराग आँधियों में भी
मोहब्बत है कहाँ
काश
क्या जाने
इंकार करना नहीं आया
ये जरुरी तो नहीं
वो दिन दिन नही
आपकी एक याद
अजीब सी कशिश
किसी ज़ेवर की तरह
तादाद से क्या होता है
खुश रहने को
एक नमी सी
मैं कैसे मान जाऊं
यादें
एक लम्हा
दो कौड़ी की औकात
डूबने न दिया
हम अकेले तो गुनहगार नहीं
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Friday, January 31, 2014
जादू भरी नज़र
बेताब कर गयी मुझे जादू भरी नज़र,
हम उनके देखने कि अदा देखते रहे...
Monday, January 27, 2014
तू भी नहीं, मैं भी नहीं..
तू मुझे और मैं तुझे इल्ज़ाम देता हूँ मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नहीं, मैं भी नहीं...!!!
ग़लत फ़हमियों से पैदा है ये दूरियाँ वरना,
फ़ितरत का बुरा तू भी नहीं, मैं भी नहीं...!!!
गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं ... !!!
Saturday, January 25, 2014
fir wahi yaad aane lage
Muddaton baad dekha unhe, hosh kaise thikane lage,
Ashq palko pe aaye meri aur lab thar-tharane lage..
Jaane kaisi hawayen chali phool fir se muskurane lage,
Jinko mushkil se bhule the hum, fir wahi yaad aane lage..
Friday, January 24, 2014
उसे बुरा न कहो
ये और बात कि दुश्मन हुआ है आज मगर...
वो मेरा दोस्त था कल तक, उसे बुरा न कहो..
Sunday, January 12, 2014
चिराग आँधियों में भी
निगाहों में मंज़िल थी, गिरे,
और गिर कर संभलते रहे।
हवाओं ने तो बहुत कोशिश की,
मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।
मोहब्बत है कहाँ
पूछता है जब कोई कि इस दुनिआ में मोहब्बत है कहाँ ?
मुस्कुरा देता हूँ मै और याद आ जाती है माँ!!
Friday, January 10, 2014
काश
काश कि तु चाँद और मैं सितारा होता;
आसमान में एक आशियाना हमारा होता;
लोग तुम्हे दूर से देखते;
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता।
क्या जाने
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने।
Thursday, January 9, 2014
इंकार करना नहीं आया
उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया;
कट गई उम्र हमें प्यार करना नहीं आया;
उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई;
और हमें इंकार करना नहीं आया।
ये जरुरी तो नहीं
प्यार करके जताए ये जरुरी तो नहीं;
याद करके कोई बताए ये जरुरी तो नहीं;
रोने वाले तो दिल में ही रो लेते है;
आँखों में आंसू आए ये जरुरी तो नहीं।
वो दिन दिन नही
वो दिन दिन नही, वो रात रात नही;
वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही;
आपकी यादों से मौत हमे अलग कर सके;
मौत की भी इतनी भी औकात नही।
Wednesday, January 8, 2014
आपकी एक याद
छोड़ दिया हमारा साथ कोई गम नहीं;
भूल जायेंगे आप हमें, पर भूलने वाले हम नहीं;
आप से मुलाक़ात ना हो पाई तो कोई बात नहीं;
आपकी एक याद मुलाकात से कम नहीं।
अजीब सी कशिश
अजीब सी कशिश हैं तुम में;
कि हम तुम्हारे ख्यालों में खोये रहते है;
ये सोचकर कि तुम ख्यालों में आओगे;
हम दिन रात बस सोए रहते है।
Tuesday, January 7, 2014
किसी ज़ेवर की तरह
उसको सजने की, संवरने की.. जरुरत ही क्या है....
उसपे जँचती है हया भी.. किसी ज़ेवर की तरह......
तादाद से क्या होता है
जंग में कागज़ी अफ़राद से क्या होता है....
हिम्मतें लड़ती हैं, तादाद से क्या होता है....
खुश रहने को
नया दिन, महीना , साल , चलो अच्छा है..
खुश रहने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है ।
एक नमी सी
एक गज़ल मीर की पढ़ता है पड़ोसी मेरा....
एक नमी सी.. मेरी दीवार में आ जाती है...
मैं कैसे मान जाऊं
मेरे पास से गुजर कर मेरा हाल तक ना पूछा,
मैं कैसे मान जाऊं की तू दूर जा के रोया..
यादें
अब तो यादें भी बूढ़ी हो गई हैं तेरी,
किसी और के सहारे ही आती है।
एक लम्हा
बंधी है हाथ पे सब के घड़ियाँ मगर,
पकड़ में एक भी लम्हा नहीं...
दो कौड़ी की औकात
आशिकों ने ही दिया है, तुझको ये मुकाम गज़ब का.......
वरना ऐ इश्क.... तेरी दो कौड़ी की औकात नहीं.....
डूबने न दिया
ये समंदर भी
तेरी तरह खुदगर्ज़ निकला,
ज़िंदा थे तो तैरने न दिया और
मर गए तो डूबने न दिया...
Friday, January 3, 2014
हम अकेले तो गुनहगार नहीं
दीवाने हैं उनके इस बात से इनकार नहीं,
कैसे कहें कि हमे उनसे प्यार नहीं..
कुछ तो कसूर है उनकी अदाओं का दोस्तों,
वरना हम अकेले तो गुनहगार नहीं...
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